नई दिल्ली। सरकार ने कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लेने के निर्णय का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट किये जाने के बाद एहतियातन उपाय के तौर पर ऐसा किया गया था क्योंकि अनुच्छेद 370 को ऐसे समय में निरस्त किया गया था जब ईद और स्वाधीनता दिवस का आयोजन होना था। जम्मू-कश्मीर के केंद्रीय मंत्री और कानूनविद् जितेंद्र सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक समारोह में यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी उपाय स्वतंत्रता दिवस और ईद दो महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ मेल खाता था इसलिए एहतियाती हिरासत में लिया गया।
.... यह केवल इसके लिए नहीं किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर रखा था और इसी कारण यह निर्णय लिया गया था।’’ इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार कर 44 दिनों तक जेल में रखा था और वर्षों तक शेख अब्दुल्ला को जेल में बंद रखा वही आज नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की नजरबंदी पर सवाल उठा रहे हैं। नजरबंदी जम्मू-कश्मीर सरकार ने की है। उन्होंने कहा,‘‘इस तरह के एहतियातन हिरासत में लेने की घटना आपके कार्यकाल के दौरान भी हुआ करते थे और इसलिए अब ये भी हो रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों के इस रुख का भी मजाक उड़ाया कि सरकार ने सभी पक्षों से सलाह नहीं ली।