नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 187 तक पहुंच गई है, जबकि 108 अन्य लापता हैं। बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण कई लाख लोग प्रभावित हुए हैं और उनमें अधिकतर लोगों को राहत शिविरों में विस्थापितों के समान जिंदगी व्यतीत करना पड़ रहा है। सेना समेत विभिन्न सुरक्षा एवं बचाव एजेंसियां राहत तथा बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा गुजरात में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इन राज्यों के कुछ इलाकों में जल का स्तर घटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अब तक केरल में सबसे अधिक 76 लोगों, कर्नाटक में 42, महाराष्ट्र में 30, गुजरात में 29, उत्तराखंड में आठ तथा हिमाचल प्रदेश में दो लोगों की मौत हो चुकी है। केरल और कर्नाटक में भारी बारिश एवं बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन की घटनाओं के बाद से 108 लोग लापता हैं। केरल में जहां 58 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है जबकि कर्नाटक में 50 लोग लापता हैं।
देवगौड़ा ने कर्नाटक के लिए मांगे 5000 करोड़- पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी. देवगौड़ा ने मोदी से कर्नाटक में बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने और राहत आदि कार्यों के लिए कम से कम 5000 करोड़ रुपए जारी करने की अपील की है। देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि बाढ़ से अब तक कम से कम 42 लोगों की जान गई है और अन्य 50 लापता हैं तथा खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।
गुजरात में तीन दिन भारी वर्षा की चेतावनी - गुजरात में पिछले दो दिनों से मंद पड़ गए मानसून के मंगलवार से फिर से अधिक सक्रिय होने का अनुमान है और इसके चलते मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्सों में अगले तीन दिनों में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। राज्य में 200 से अधिक रास्ते बंद हैं जिनमें से अधिकतर ग्रामीण इलाकों के पंचायत नियंत्रित रास्ते हैं।
उत्तराखंड में बादल फटे, तीन गांवों में भूस्खलन, छह की मौत- उत्तराखंड के चमोली जिले के घाट ब्लॉक में सोमवार सुबह बादल फटने और तीन गांव में भूस्खलन के मलबे में दबने से छह लोगों की मौत हो गई।
कोल्हापुर और सांगली में भारी बाढ़- महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली में भारी बाढ़ के बाद स्थिति भयावह बनी हुई है और इन जिलों से एक लाख 73 हजार 584 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। राज्य के दोनों जिलों में बाढ़ की भयावह स्थिति के बाद सड़कों पर पानी और कीचड़ भरा हुआ है। कोल्हापुर और सांगली के राहत शिविरों में पीड़तिों की संख्या काफी बढ़ गई है। जिलाधिकारी अभिजीत चौधरी ने बताया अब तक एक लाख 73 हजार 584 बाढ़ पीड़ितों और 42494 मवेशियों को राहत शिविरों में स्थानांतिरत किया गया है और पीड़ितों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए युद्ध स्तर पर काम जारी है। उन्होंने बताया कि वाल्वा और मिराज तहसील में स्थित अत्यधिक भयावह है।