नई दिल्ली। देश में अल्पसंख्यक की परिभाषा तय करने वाली जनहित याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता को याचिका की कॉपी केंद्र सरकार को देने का कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को केंद्र सरकार का पक्ष रखने का कहा है। वहीं याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय को पिटीशन की कॉपी केंद्र सरकार को देने का कहा है।
बता दें याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने पूर्व में अल्पसंख्यक आयोग को भी ज्ञापन सौंपते हुए पांच समुदायों को अल्पसंख्यक घोषित करने की 1993 की अधिसूचना रद्द करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने कई राज्यों में हिंदुओं की संख्या कम होने का हवाला देते हुए वहां उन्हें अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग भी उठाई थी। याचिका में बताया गया है कि 8 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को तीन महीने के भीतर उस ज्ञापन पर फैसला लेने को कह था। शुक्रवार को इसी मामले पर सुनवाई हुई।