नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद में पार्टियों के नेताओं को मतभेदों को परे रखकर दोनों सदनों के कामकाज को बाधित नहीं करने की अपील की। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले पार्टियों के नेताओं को संबोधित करते हुए, मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से सदन को सुचारु रूप से चलाने में सरकार के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि संसद के कामकाज में नए उत्साह और ऊर्जा का संचार होगा। मोदी ने सभी नेताओं से आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया कि क्या सांसद लोगों की आकांक्षाओं को उनके प्रतिनिधियों के रूप में पूरा करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, "हम जनता के लिए हैं, हम संसद के कामकाज को बाधित करके दिल नहीं जीत सकते।
सभी दलों को राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना चाहिए और देश की प्रगति की दिशा में अथक परिश्रम करना चाहिए।" प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हमेशा राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लेती रही है और दोनों सदनों के पटल पर राष्ट्रीय महत्व के सभी मामलों पर चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बिना किसी व्यवधान और गतिरोध के संसद की सुचारु कार्यवाही को सुनिश्चित करने के लिए दलों में सर्वसम्मति है। जोशी ने कहा कि मोदी ने स्वतंत्र रूप से सरकार के साथ बातचीत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए 19 जून को संसद में प्रतिनिधित्व के साथ सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है और 20 जून को दोनों सदनों के सांसदों को आमंत्रित किया है।
जोशी ने कहा, "यह नई पहल सभी सांसदों के बीच टीम भावना का निर्माण करने में सहायक होगी और भविष्य में संसद के कामकाज को सुचारु रूप से चलाया जाना सुनिश्चित करेगी।" बजट सत्र में लोकसभा व राज्यसभा में क्रमश: 30 व 27 बैठकें 17 जून से 26 जुलाई के बीच होंगी। जोशी ने विवरण देते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू होगा, जबकि राज्यसभा का 249वां सत्र 20 जून से शुरू होगा। आगामी सत्र मुख्य रूप से शपथ ग्रहण, अध्यक्ष का चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और 2019-20 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित वित्तीय कामकाज को समर्पित होगा।
इसमें जरूरी विधायी व गैर विधायी कामकाज के संपादन के लिए समय दिया जाएगा। जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 356 के विस्तार की मांग वाले प्रस्ताव को भी दोनों सदनों में 2 जुलाई तक मंजूरी दिए जाने की आवश्यकता है। भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 4 जुलाई, 2019 (गुरुवार) को संसद में पेश किया जाएगा। 2019-20 का केंद्रीय बजट 5 जुलाई, 2019 को लोकसभा में सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। अंतर-सत्र अवधि के दौरान 10 अध्यादेशों की घोषणा हुई है। इनके स्थान पर संसद के अधिनियम पारित किए जाएंगे क्योंकि नए संसद-सत्र प्रारंभ होने के छह सप्ताहों यानी एक अगस्त, 2019 के बाद ये स्वत: समाप्त माने जाएंगे। 16वीं लोकसभा के सत्रावसान होने से 46 विधेयकों की अवधि समाप्त हो गई जो विभिन्न चरणों में दोनों सदनों के समक्ष प्रस्तावित थे।
इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को पुन: संसद के पटल पर रखा जाएगा। सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाया, जबकि विपक्षी पार्टियों ने मुलाकात में अन्य मुद्दे उठाए। इसमें किसानों से जुड़ी समस्याएं व जल उपलब्धता शामिल है। बैठक के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी ने सरकार से किसानों के मुद्दों, सूखा व जल उपलब्धता व बेरोजगारी को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा, "यह विचारधारा की जंग है और यह जारी रहेगी।
कांग्रेस लोगों के लिए कार्य करेगी, चाहे वह सरकार में रहे या न रहे।" सरकार के मीडिया पर दबाव बनाने के कदम की आलोचना करते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा उठाया है। तृणमूल की तरफ से सुदीप बंद्योपाध्याय व डेरेक ओ'ब्रायन ने चुनाव सुधारों का मुद्दा उठाया। बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, थावर चंद गहलोत, अर्जुन राम मेघवाल व वी.मुरलीधरन के साथ अन्य नेताओं ने भाग लिया। बैठक में कांग्रेस के आनंद शर्मा व अधीर रंजन चौधरी, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता सुप्रिया सुले ने भाग लिया।