नई दिल्ली। क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण से संबंधित खबरें हम अक्सर सुनते रहते हैं। इस पर कई बड़े शोध भी किए गए हैं। ये सभी शोध हमें क्लाइमेट चेंज के कारण पृथ्वी को पहुंचने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं, किन्तु आज हम जिस शोध के बारे में बात करने जा रहे हैं वह चौंकाने वाला है। ये अब तक के किसी भी शोध से कहीं अधिक गंभीर है। क्योंकि ये शोध हमें बताता है कि कैसे क्लाइमेट चेंज के कारण 2050 तक मानव सभ्यता समाप्त हो सकती है। ये सुनने में ऐसा लगता है कि ये काफी बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है, किन्तु इसके सच होने की संभावना कल्पना से अधिक भी हो सकती है।
ऑस्ट्रेलिया स्थित एक थिंक टैंक ब्रेकथ्रू नेशनल सेंटर फॉर क्लाइमेट रेसोरेशन ने चेतावनी दी है कि मानव सभ्यता अगले 3 दशकों से अधिक नहीं बच सकेगी। इस वर्ष 2050 तक पृथ्वी का औसतन तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। इस रिसर्च को समझाते हुए ऑस्ट्रेलियन रक्षा बल के प्रमुख और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के एडमिरल, क्रिस बैरी बताते हैं कि ये रिपोर्ट मानव सभ्यता और धरती की निराशाजनक स्तिथी को दर्शाती है। ये बताती है कि मानव जीवन अब भयावह रूप से विलुप्त होने की कगार पर आ गया है। बैरी ने यह भी कहा है कि न्यूक्लियर वॉर के बाद मानव सभ्यता को दूसरा बड़ा खतरा ग्लोबल वार्मिंग से है।