पटना। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने बिहार सरकार से मुजफ्फरपुर एवं आस-पास के जिले में फैले चमकी बुखार (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिड्रोम-एईएस) को आपदा घोषित करने की मांग करते हुये आज आरोप लगाया कि इस बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए सरकार के पास कोई भी एक्शन प्लान नहीं है। भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने उनके नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय जांच टीम ने मुजफ्फरपुर जाकर श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में चमकी बुखार से पीड़ति बच्चों से मुलाकात कर और घटना का जायजा लेने के बाद यहां कहा कि चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए कोई भी एक्शन प्लान बिहार सरकार के पास नहीं है। पिछले कई सालों से एन्सेफलाइटिस जैसी अज्ञात बीमारी से सैकड़ों बच्चे मारे जा रहे हैं लेकिन सरकार ने इससे कोई सबक नहीं ली और बीमारी शुरू होने के पहले रोकथाम का कोई भी उपाय नहीं किया।
आलम ने कहा, ‘‘यह बिल्कुल आपराधिक लापरवाही है और सरकार की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है। हमारी पार्टी मांग करती है कि इस बुखार को तत्काल आपदा घोषित किया जाए और युद्ध स्तर पर राहत अभियान चलाया जाए।’’ उन्होंने बताया कि एसकेएमसीएच में जांच के दौरान पाया गया कि एक बेड पर दो-तीन बच्चे पड़े हुए है। बिस्तर का घोर अभाव है। अस्पताल के अधीक्षक सुनील कुमार ने बताया बड़ी संख्या में बच्चे इसके शिकार बन रहे हैं। गरीबों के बच्चों को यह बीमारी सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है लेकिन बीमारी का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है। इसे आम बुखार तथा प्रोटोकोल सिड्रोम की तरह इलाज करना बड़ी ही लापरवाही है।