नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग कर भ्रम की स्थिति पैदा की है और यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग की भूमिका क्या है इसलिए इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय मे संवाददाता सम्मेलन में नीति आयोग की प्रस्तावित बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नहीं आने और कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के इसमें शामिल होने संबंधी प्रश्न पर कहा कि बनर्जी का रूख अलग है। कांग्रेस की सोच इस बारे में अलग है इसलिए दोनों को मिलाकर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह है कि मोदी ने आनन-फानन में योजना आयोग का नाम बदल कर नीति आयोग किया है।
नीति आयोग का फ्रेमवर्क क्या है, राज्यों को कितना अधिकार है, केन्द्र का क्या अधिकार है या इसमें दोनों का क्या अधिकार क्षेत्र हैं पांच साल मे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है इसलिए इस मुद्दे पर व्यापक स्तर पर बहस की आवश्यकता है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ममताजी बैठक में जा रही हैं, कमलनाथ जी जा रहे हैं या नहीं जा रहे हैं, ये सब छोटे प्रश्न है, असली प्रश्न यह है कि नीति आयोग की भूमिका क्या है, क्या नीति आयोग संघीय ढांचे को कमजोर करता है या मजबूत करता है। अभी बहुत कन्फ्यूजन है, राज्यों में भी भ्रम की स्थिति है चाहे भाजपा शासित राज्य हों या किसी और पार्टी के शासन वाले राज्य हों। आपने आयोग का गठन तो कर दिया लेकिन कोई स्पष्ट रुप रेखा नहीं दी गयी। बड़ी बहस इसी भ्रम को लेकर है।