नई दिल्ली। देश में गुरूवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में ८००० मेहमानों की उपस्थिति में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। मोदी कैबिनेट के पांच ऐसे मंत्री थे जिनेकी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भूल में सुधार किया या फिर वो शपथ लेने के वक्त अटक गए। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है मनसुख मांडविया। ये वहीं नेता है जो कई बार साईकिल से संसद जाने के चलते सुर्खियों में रहे हैं। आज एकबार फिर से सुर्खियों लेकिन वजह कोई और है। मनसुख मांडविया को शपथ के मंच पर बुलाया गया। पद और गोपनीयता की शपथ लेने के दौरान अपने नाम से पहले मैं लगाना भूल गए।
जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुरंत भूल सुधार कराया। ऐसा ही कुछ फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ भी हुआ। वो भी पद और गोपनीयता की शपथ लेने के दौरान अपने नाम से पहले मैं लगाना भूल गए। जिसके राष्ट्रपति ने फिर से सही कराया। इस दौरान दो और मंत्री ऐसे थे जिनका भूल सुधार राष्ट्रपति ने कराया। बिहार से सांसद नित्यानंद राय शपथ लेने के दौरान अक्षुण्ण नहीं बोल पाए। जिसके बाद तुरंत राष्ट्रपति ने उनको रोका और अक्षुण्ण बोलने को कहा। वहीं अंबाला से चुनाव जीत टीम मोदी में शामिल हुए रतन लाल कटारिया भी शपथ लेने के दौरान गलती कर बैठे। उनको भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुधार करने के लिए कहा। इसी तरह किशन रेड्डी भी 'विधि' शब्द का सही उच्चारण नहीं कर सके थे। गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भाषा को लेकर सख्त माने जाते हैं। इसके पहले वह बिहार के राज्यपाल रहते हुए तेजस्वी यादव और बाद में बतौर राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को शपथ के दौरान गलत उच्चारण करने पर टोक चुके हैं।