नई दिल्ली। प्रहलाद पटेल ने बीजेपी के युवा संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीति की शुरुआत की 1982 में बीजेपी युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बनाए गए और 1986 से 90 के बीच सचिव- युवा मोर्चा, महामंत्री-मप्र. बीजेपी और फिर मोर्चा के महासचिव बने। जुझारू और जोश से भरे प्रहलाद पटेल ने 1889 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और पहली ही बार में संसद चुन लिए गए। 1996 में ग्यारहवीं लोक सभा के लिए दोबारा चुने गए 999 में तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए इस दौरान वो लोकसभा की विभिन्न समितियों के सदस्य रहे उनके राजनीतिक सफर में तब एकदम उछाल आया जब 2003 में वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्य मंत्री बनाए गए प्रहलाद पटेल भारतीय जनता मजदूर महासंघ और भारतीय जनता मजदूर मोर्चा के भी नेता रहे।
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया और दमोह से टिकट दिया वो जीतकर संसद पहुंचे. इस बार फिर दमोह सीट से चुनाव लड़े और फिर से जीतकर आए। वो खुद लोधी जाति से हैं और दमोह लोधी बाहुल्य होने के कारण उन्हें इसका पूरा फायदा मिला. इस बार चुनाव की ताकत ये रही कि लोधियों के साथ कुर्मी वोट बैंक में भी ये सेंध लगाने में कामयाब रहे। पटेल ने 3 लाख 53 हज़ार 411 वोट से जीत हासिल की. प्रहलाद पटेल राजनीति के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं. परिवार में उनकी पत्नी पुष्पलता सिंह, एक बेटा और 2 बेटियां हैं।