नई दिल्ली। हरसमिरत कौर बादल को मंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण के लिए दिन में ही न्यौता मिल गया था। उन्होंने समारोह में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। हरसिमरत ने बठिंडा से लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक बनाई है। वह इस बार कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को हराकर लगातार तीसरी बार बठिेंडा से सांसद चुनी गई हैं। पंजाब के बठिंडा से तीन बार की सांसद 53 वर्षीय हरसिमरत एक ऐसे परिवार से संबंध रखती हैं जिसकी जड़ें 18वीं शताब्दी के एक शाही खानदान से जुड़ी हैं। भारतीय जनता पार्टी की लंबे समय से सहयोगी रही शिअद लोकसभा में सिर्फ दो सीटें जीत सकी।
संयोग से उनके पति सुखबीर सिंह बादल ने दूसरी सीट जीती है। नयी दिल्ली में जन्मी हरसिमरत का विवाह सुखबीर सिंह बादल से हुआ है जो पार्टी अध्यक्ष हैं और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री भी। उनके ससुर प्रकाश सिंह बादल चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा धारक हैं। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ 2008 में गैर सरकारी संगठन “नन्हीं छांव” शुरू कर अपने प्रयासों के लिये कौर पहली बार सुर्खियों में आईं। उन्होंने इसके अगले साल ही अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया और बठिंडा से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा और 1.2 लाख मतों से जीत हासिल की।