नई दिल्ली। सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने वाइस एडमिरल कर्मबीर सिंह के नौसेना प्रमुख का पदभार संभालने से रोकने संबंधी याचिका की सुनवाई जुलाई तक टाल दी है जिससे उनके नौसेना की बागडोर संभालने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। वाइस एडमिरल सिंह को नया नौसेना प्रमुख नियुक्त किया गया है और वह एडमिरल सुनील लांबा के 31 मई को सेवा निवृत होने के बाद नौसेना की बागडोर संभालेंगे। हालाकि न्यायाधिकरण ने यह भी कहा है कि उनकी नियुक्ति इस मामले में उसके आगे के आदेश पर निर्भर करेगी। दरअसल नौसेना की अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल विमल वर्मा ने नौसेना प्रमुख की नियुक्ति को यह कहते हुए न्यायाधिकरण में चुनौती दी है कि इस प्रक्रिया में उनकी वरिष्ठता को नजरंदाज किया गया है। वाइस एडमिरल वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने सरकार से नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित सभी दस्तावेज पेश करने को कहा था। आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दस्तावेज देने के लिए समय मांगा गया जिस पर न्यायाधिकरण ने अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई तय कर दी।
इस मामले में सरकार का पक्ष रखने वाले अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल अमन लेखी ने बताया कि न्यायाधीकरण ने नये नौसेना प्रमुख के 31 मई को कार्यभार संभालने पर रोक लगाने संबंधी अनुरोध को खारिज कर दिया है। इसलिए नौसेना प्रमुख निर्धारित समय और तिथि पर अपना कार्यभार संभालेंगे। वाइस एडमिरल वर्मा की वकील रिया वर्मा ने कहा कि सरकार ने नियुक्ति संबंधी दस्तावेज पेश करने के लिए समय मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण ने वाइस एडमिरल सिंह को पदभार संभालने की अनुमति दे दी है। सरकार की ओर से कहा गया कि नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है और अभी रक्षा मंत्रालय में न तो मंत्री है और न ही रक्षा सचिव। इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने वाइस एडमिरल की इस बारे में की गयी शिकायत को खारिज कर दिया था। वाइस एडमिरल वर्मा ने नौसेना प्रमुख की नियुक्ति को चुनौती देते हुए 10 अप्रैल को याचिका दायर की थी।