नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और नवनिर्वाचित सांसद कार्ति चिदंबरम की याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है। याचिका में उन्होंने रजिस्ट्री के पास जमा 10 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की थी। यह राशि उन्होंने विदेश यात्रा की शर्त पर जमा करवाए थे।
मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कार्ति से कहा है कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान दें। कार्ति सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वो पुराने मामले के दस करोड वापस चाहते हैं तो कोर्ट रिफंड कर देगा. लेकिन मई-जून को विदेश जाने के लिए दस करोड की सुरक्षा राशि को बढ़ाकर 20 करोड़ कर देगा।
कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उन्हें 10 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब वह ब्याज देने के लिए बाध्य हैं। ऐसी स्थिति में पहले जमा की गई राशि वापस की जानी चाहिए। कोर्ट ने 7 मई को कार्ति को मई और जून में विदेश यात्रा की अनुमति दी थी लेकिन शर्त लगाई थी कि 10 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि जमा करने के बाद ही वो विदेश जा सकते हैं।
अदालत ने कार्ति चिदंबरम को मई में यूके और यूएसए और जून में जर्मनी और स्पेन का दौरा करने की अनुमति दी थी। शीर्ष अदालत ने जनवरी में भी 10 करोड़ रुपये जमा करने के बाद कार्ति को विदेश जाने की अनुमति दी थी। अब कार्ति ने वो रुपये वापस मांगे हैं। कार्ति चिदंबरम सीबीआई एवं ईडी द्वारा जांच किए जा रहे आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।