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कांग्रेस के समक्ष लोकसभा में नेता के चयन का संकट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 27 2019 5:41PM | Updated Date: May 27 2019 5:41PM
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की हार के कारण उसके समक्ष सदन में नेता के चयन का संकट खड़ा हो गया है। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी तथा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार भी सदन में होंगे लेकिन इनमें से कोई सदन के नेता का पद संभालेगा या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है। पिछली बार भी दोनों सदन के सदस्य थे लेकिन नेता पद  खड़गे को सौंपा गया था। इस बार अटकलें लगाई जा रही हैं कि शशि थरूर, अधीर रंजन चौधरी और मनीष तिवारी मे से किसी को भी नेता पद दिया जा सकता है। मनीष तिवारी पिछली बार सदन के सदस्य नहीं थे। चौधरी 1999 से लोकसभा के सदस्य हैं और इन नेताओं में वही सबसे ज्यादा अनुभवी हैं।

पार्टी के वरिष्ठ खड़गे के अलावा, वीरप्पा मोइली, के एच मुनियप्पा तथा के वी थॉमस भी इस बार लोकसभा नहीं पहुंच पाये हैं। सोलहवीं लोकसभा में एम आई शानवास पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता लोकसभा में थे लेकिन इस बार उनकी वायनाड सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उम्मीदवार थे इसलिए वह चुनाव नहीं लड़े। कांग्रेस के तेज तर्रार युवा नेता के सी वेणुगोपाल और ज्योतिरादित्य सिंधियां भी इस बार लोकसभा मे नहीं हैं। वेणुगोपाल को अशोक गहलोत की जगह महासचिव के रूप में पार्टी संगठन का काम सौंपा गया इसलिए पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारा था जबकि सिंधिया अपनी परंपरागत सीट गुना से चुनाव हार गये हैं। कांग्रेस नेता सुनील जाखड और कमलनाथ भी इस बार सदन में नहीं होंगे। जाखड भाजपा के सनी देवल से चुनाव हारे हैं और कमलनाथ पहले ही मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिये गये थे। भाजपा को सदन में घेरने और बीच बीच में उसे करारा जवाब देने वाले युवा नेता सुष्मिता देव तथा रंजना रंजन जैसे युवा नेताओं की गौरमौजूदगी भी कांग्रेस को इस बार सदन में खलेगी हालांकि इस टोली के गौरव गोगोई, रवनीतसिंह बिट्टू तथा के सुरेश चुनाव जीते हैं।

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