नई दिल्ली। इस बार लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल करके फिर से सत्ता में वापसी की है, उसके बाद नोबेल अवॉर्ड विजेता अमर्त्य सेन ने इस जीत पर सवाल खड़ा किया है। अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह जीत अपनी उपलब्धियों के दम पर नहीं बल्कि डर के बलबूते हासिल की है। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी करिश्माई नेता हैं और वह अपनी बेबाक तरीके राय को रखते हैं और लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, यही वजह है कि वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
द टेलीग्राफ में एक लेख के जरिए अमर्त्य सेन ने पीएम मोदी के पिछले कार्यकाल से असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलवामा में आतंकी हमला हुआ और सेना ने एयर स्ट्राइक की उसका पीएम मोदी के साथ भारतीय जनता पार्टी को पूरा लाभ मिला। इसी बलबूते पूरे देश में राष्ट्रवाद के दम पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। पार्टी ने देश में डर का एक माहौल बनाया और इसका बखूबी इस्तेमाल किया। सेन ने भाजपा द्वारा किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा कि रोजगार बढ़ाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने जैसी बातें कही गई थीं। लेकिन हाल के लोकसभा चुनाव में इस तरह का किसी भी तरह का कोई वादा नहीं किया गया।
सेन ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने किसी भी तरह के विकास की बात नहीं की, उन्होंने रोजगार, आर्थिक वृद्धि, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने और भ्रष्टाचार को लेकर किसी भी तरह का कोई जिक्र नहीं किया। उन्होंने देश के सामने ऐसे डर का माहौल बनाया कि आतंकवाद, पाकिस्तान ही सबसे बड़ा मुद्दा है। जिसका भाजपा को इस चुनाव में फायदा मिला। पिछले पांच साल के कार्यकाल पर सेन ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में देश को धर्म के आधार पर बांटा गया।