नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकार्यता के पीछे सबसे बड़ा कारण विपक्ष में ठोस विकल्प की कमी है और विपक्ष जो अस्पष्ट विकल्प पेश कर रहा है वह भी काफी डरावना है। जेटली ने एक ब्लॉग में लिखा ‘‘इसे आम तौर पर ‘टीना’ कारक कहा जाता है। यदि विपक्ष कोई अस्पष्ट विकल्प प्रस्तुत कर रहा है तो वह काफी डरावना है।’’ उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ मोदी की स्वीकार्यता का कारण उनकी निर्णय लेने की क्षमता, ईमानदारी और प्रदर्शन, गरीबों को उनके कार्यकाल में सुनिश्चित की गयी संसाधनों की उपलब्धता और सुरक्षा पर उनका सिद्धांत जो परिवर्तनकारी साबित हुआ है। वित्त मंत्री ने विपक्ष को नेतृत्व विहीन बताते हुये कहा कि वहाँ नेतृत्व को लेकर कोई सहमति नहीं है।
महत्त्वपूर्ण राज्यों में वे गठबंधन नहीं बना सके। यहाँ तक कि वे सामान्य बैठक भी नहीं कर सके क्योंकि वे जानते थे कि उनमें बहुत इसके लिए तैयार नहीं होंगे। उन्होंने कहा ‘‘उन्हें एक सूत्र में बाँधने वाली चीज नकारात्मकता है - एक व्यक्ति को हटाने की चाह है। उनमें नेता या कार्यक्रम को लेकर कोई सहमति नहीं है। विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ है और चुनाव से पहले या चुनाव के दौरान भी वह साथ नहीं आ सका। उनके इस आश्वासन पर कौन यकीन करेगा कि चुनाव के बाद वे साथ खड़े होंगे।’’ श्री जेटली ने कहा कि विपक्ष को यह पता है कि 23 मई को मतगणना के दिन उसकी हार होने वाली है और इसलिए वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और चुनाव आयोग के खिलाफ हमलावर है। उन्होंने लिखा ‘‘मतदाताओं के समक्ष वे बेहद डरावना दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। वे आत्मघाती विकल्प से भी खराब हैं। यह डरावनी परिस्थिति तथा विपक्ष के वायदे ही उसकी समाप्ति के कारण होंगे।’’