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3 महीने के लिए टली राम मंदिर पर सुनवाई, SC ने कहा - प्रक्रिया के बीच कोई नहीं...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 10 2019 12:00PM | Updated Date: May 10 2019 12:26PM
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नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन महीने के लिए फिर टल गई है। शुक्रवार को इस मामले पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस एफएमआई खलीफुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें मध्यस्थता प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 अगस्त तक का समय मांगा गया। इस पर विचार करते हुए कोर्ट ने मामले की मध्यस्थता का समय 15 अगस्त तक बढ़ा दिया।  वहीं, कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता प्रक्रिया के बीच कोई नहीं आएगा। 
 
इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा - हम मामले में मध्यस्थता कहां तक पहुंची, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। इसको गोपनीय रहने दिया जाए। इस दौरान वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा, 'हम कोर्ट के बाहर बातचीत से समस्या के हल निकालने का समर्थन करते हैं। साथ ही मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से अनुवाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि अनुवाद में  कई गलतियां हैं। पांच वक्त नमाज और जुमा नमाज को लेकर गलतफहमी है।
 
इसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकार को अपनी आपत्तियों को लिखित में दाखिल करने की इजाजतत दे दी। अयोध्या मामले में अभी 13 हजार 500 पेज का अनुवाद किया जाना बाकी है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की संवैधानिक बेंच कर रही है। अब 15 अगस्त के बाद ही पता चलेगा कि मध्यस्थता प्रक्रिया ने क्या हासिल किया, क्योंकि अदालत ने आदेश दिया था कि प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होनी चाहिए।
 
इससे पहले 8 मार्च को अयोध्या की भूमि पर मालिकाना हक के मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की इजाजत दी थी। मध्यस्थों की कमेटी में जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला, वकील श्रीराम पंचू और आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं। इस कमेटी के चेयरमैन जस्टिस खलीफुल्ला हैं।
 
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