नई दिल्ली। कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में पड़े मतों के वोटिंग वेरिफाइबल पेपर्स ऑडिट ट्रेल पर्ची से मिलान मामले में 21 विपक्षी दलों की पुनर्विचार याचिका खारिज करने पर निराशा जताई लेकिन कहा कि पार्टी न्यायालय के फैसले का सम्मान करती है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह याचिका कांग्रेस सहित 21 दलों ने दायर की थी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि 21 पार्टियां देश की लगभग 75 प्रतिशत मतदाता की द्योतक है और उनके जिन नेताओं ने इस याचिका पर हस्ताक्षर किए और हलफनामे दिए थे वे इस बारे में अपना राजनीतिक अभियान चलाएंगे और जनता के सामने संदेश और तथ्य रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस याचिका को भले ही न्यायालय ने खारिज कर दिया लेकिन 21 दलों को इसमें एक स्तर पर जबरदस्त सफलता भी मिली है।
उन्होंने कि उनकी याचिका पर पांच गुना वीवीपैट का मिलान करने का न्यायालय ने आदेश दिया है और एक तरह से उनके सिद्धांत को माना है। उन्होंने कहा ‘न्यायालय ने हमारा यह सिद्धांत माना है लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा है। वो इतना छोटा है क्योंकि दो-ढाई प्रतिशत मशीनों में लागू होता है, इसको न्यूनतम 25 प्रतिशत करिए, हमारी मांग 50 प्रतिशत है।’’ चुनाव आयोग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट दिए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह विचित्रता बात है कि हमारी अन्य कई मांगों को मानने वाले आयोग के सामने जब ये दो नाम सामने आते हैं तो उसे सांप सूंघ जाता है। उन्होंने कहा ‘‘ आयोग को सांप सिर्फ इन दो नामों पर सूंघता है और हमने उसकी कड़े से कड़े शब्दों में की भर्त्सना की है।’