नई दिल्ली। वाराणसी सीट से अपनी उम्मीदवारी का पर्चा खारिज होने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। तेज बहादुर ने अपनी उम्मीदवारी रद्द किए जाने की चुनौती दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने तेज बहादुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन चुनाव आयोग ने जरूरी दस्तावेजों के अभाव में उनका नामांकन खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण तेज बहादुर की पैरवी कर रहे हैं।
बता दें कि साल 2016 में बीएसएफ में खाने की कथित खराब गुणवत्ता का एक वीडियो तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर डाला था जिसके बाद वह सुर्खियों में आए थे। तेज बहादुर की इस शिकायत की जांच हुई जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का इरादा जताया था।
सपा ने तेज बहादुर से पहले शालिनी यादव को वाराणसी सीट के लिए अपना उम्मदीवार घोषित किया था लेकिन शालिनी की जगह सपा के टिकट पर तेज बहादुर ने अपना नामांकन दाखिल किया। पर्चा भरने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने जरूरी दस्तावेजों के अभाव में तेज बहादुर का नामांकन खारिज कर दिया।
तेज बहादुर का नामांकन खारिज करते हुए रिटर्निंग ऑफिसर सुरेंद्र सिंह ने एक बयान में कहा, 'तेज बहादुर ने कहा है कि सरकारी सेवा से उन्हें 19 अप्रैल 2017 को बर्खास्त किया गया। उनकी बर्खास्तगी के पांच साल पूरे नहीं हुए हैं। उनके पास यह प्रमाणपत्र भी नहीं है जो यह कहे कि भ्रष्टाचार अथवा देश सेवा के प्रति अनिष्ठा रखने के चलते उन्हें सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया। वह एक मई 2019 तक इस तरह का कोई भी प्रमाणपत्र पेश नहीं कर पाए हैं। इसलिए उनका नामांकन खारिज किया जाता है। '
अपना पर्चा खारिज होने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज जमा कराए हैं और साजिश के तहत उन्हें नोटिस मिला है। उन्होंने कहा, 'मैंने सभी जरूरी दस्तावेज सौंपे हैं लेकिन यह सब मुझे चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया जा रहा है। यह मेरे खिलाफ एक साजिश है।
मोदी जी डर गए हैं और यह सोच-समझकर किया गया है।' वाराणसी में लोकसभा के अंतिम चरण में 19 मई को वोट डाले जाएंगे। कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे पर भरोसा जताते हुए यहां से अजय राय को टिकट दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को हराया था।
अपना नामांकन भरने के बाद तेज बहादुर ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि वह अपने चुनाव-प्रचार के दौरान सुरक्षा बलों में कथित रूप से व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाएंगे। सरकार पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि उन्हें सच बोलने की वजह से उन्हें सेवा से बर्खास्त किया गया। यहां तक कि एम.एम.जोशी के साथ बनाई गई संसदीय समिति व इसके सदस्यों ने उनके पक्ष में रिपोर्ट दी। इसके बावजूद उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया गया।