नई दिल्ली। इस बार लोकसभा चुनावों में नेताओं के विवादित बयानों का सिलसिला आम हो गया है। आजम खान, योगी आदित्यनाथ जैसे कई बड़े नेताओं के एक के बाद एक सामने आ रहे विवादित बयानों के कारण सियासी घमासान मचा हुआ है। हालांकि फिर भी नेताओ के बिगड़े बोल का ये सिलसिला बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में अब पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का एक बयान भी सामने आया है। सिद्धू ने बिहार के कटिहार में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और इसी दौरान विवादित बयान भी दे दिया। सिद्धू ने कहा- अगर पीएम नरेंद्र मोदी को हराना है तो सभी मुस्लिमों को एकजुट होकर वोट करना पड़ेगा।
सिद्धू को इस तरह का बयान इसलिए देना पड़ा कि कटिहार में भाजपा-जेडीयू के साथ-साथ ओबैसी की एआईएमएम पार्टी के उम्मीदवार भी मुस्लिम समुदाय से ही हैं। यहां भाजपा जेडीयू वाले उम्मीदवार का मुस्लिम मतदाताओं पर खास प्रभाव है। सिद्धू को लगता है कि ओबैसी के उम्मीदवार की भूमिका से कांग्रेस के उम्मीदवार को नुकसान होगा। जातीय समीकरण को देखते हुए आचार संहिता की सारी सीमाएं तोड़ दी। मुस्लिम वोटों को लेकर सिद्धू का बयान तो बसपा प्रमुख मायावती से भी खतरनाक हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही चुनाव आयोग ने मायावती के प्रचार पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया है, लेकिन सिद्धू ने यह दर्शा दिया है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से डर नहीं लगता है। कटिहार में 18 अप्रैल को मतदान होना है। इस लिहाज से 16 अप्रैल को सायं पांच बजे चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। सिद्धू ने प्रचार के अंतिम दिन अपना खेल खेल दिया है। अब यह कटिहार के मतदाताओं पर निर्भर है कि वे सिद्धू के बयान को किस तरह लेते हैं।
अलबत्ता चुनाव आयोग ने सिद्धू के बयान पर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। सिद्धू कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। चूंकि सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मित्र भी है, इसलिए कई इलाकों में सिद्धू की जबर्दस्त लोकप्रियता है। सिद्धू कई बार अपने देश के मुकाबले पाकिस्तान का समर्थन करते हैं।