नई दिल्ली। वायु सेना ‘मार्शल ऑफ द इंडियन एयर फोर्स ’ अर्जन सिंह की जनमशती के तहत उनके सम्मान में अगले एक वर्ष तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इसी कड़ी में उनकी एक अवाक्ष प्रतिमा का आज यहां वायु सेना मुख्यालय में अनावरण किया गया। साथ ही चंडीगढ में मार्शल कप अखिल भारतीय हॉकी टूर्नामेंट का भी आगाज किया गया। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। उनके सम्मान में आज से ही चंडीगढ में शुरू हुए हॉकी टूर्नामेंट का हर साल आयोजन किया जायेगा। मार्शल अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को पंजाब के लायलपुर में हुआ था। आज का दिन राष्ट्र और वायु सेना को उनके योगदान की याद दिलाता है। इस जांबाज अधिकारी को उनके पेशेवर गुणों , नेतृत्व और सामरिक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। मार्शल अर्जन सिंह को 1938 में 19 वर्ष की उम्र में क्रेनवैल स्थित रॉयल एयर फोर्स कॉलेज में प्रशिक्षण के लिए चुना गया था जिसके बाद उन्हें 1939 में रॉयल एयर फोर्स में बतौर पायलट अफसर कमीशन दिया गया।
उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा अभियान में असाधारण नेतृत्व, अद्भुत कौशल और साहस के लिए विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस से सम्मानित किया गया था। उनकी अगवाई में ही वायु सेना ने 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए भारत को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जीत दिलाने में योगदान दिया। मार्शल अर्जन सिंह का 98 वर्ष की उम्र में 16 सितम्बर 2017 में निधन हो गया था। उनके बहुआयामी व्यक्तित्व, पेशेवर योग्यता, देश और वायु सेना के प्रति समर्पण ने उन्हें विशिष्ट हस्ती तथा वायु सेना के प्रतिमान के रूप में स्थापित किया। इस जांबाज और असाधारण अधिकारी के योगदान को सम्मान देने के लिए वायु सेना अगले एक वर्ष तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। रविवार को इसकी शुरूआत जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हॉफ मैराथन से की गयी। उनके विजन और वायु सेना की एक अजेय सेना के रूप में नींव डालने वाले मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए आज यहां सुब्रोतो पार्क में एक सेमीनार का भी आयोजन किया गया।