नई दिल्ली। एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और सरकार के बीच हुए पत्राचार को सूचना के अधिकार कानून के दायरे से बाहर रखने का उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है। वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की संविधान पीठ के समक्ष दलील दी कि कॉलेजियम और सरकार के बीच हुए पत्राचार को आरटीआई कानून की धारा आठ के तहत छूट मिलनी चाहिए।
उन्होंने न्यायाधीशों की सम्पत्तियों के खुलासे को भी आरटीआई कानून की धारा आठ और के तहत जानकारी उपलब्ध कराने से छूट मिलनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के केंद्रीय जन सम्पर्क अधिकारी की ओर से पेश एटर्नी जनरल ने तीन मामलों की संयुक्त सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें पेश की। संविधान पीठ कॉलेजियम और सरकार के बीच हुए पत्राचार की जानकारी उपलब्ध कराने या न कराने, न्यायाधीशों की सम्पत्तियों को आरटीआई के दायरे में लाने तथा मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रघुपति को कथित तौर पर प्रभावित करने वाले केंद्रीय मंत्री के नाम का खुलासा करने संबंधी ती याचिकाओं पर संयुक्त सुनवाई कर रही है। सुनवाई कल भी जारी रहेगी।