नई दिल्ली। मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने अलनीनो प्रभाव के कारण इस वर्ष मानसून के दौरान कम बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है और यह दीर्घावधि औसत से सात प्रतिशत कम रह सकती है। स्काईमेट की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल मानसून सामान्य से कमजोर रहेगा और मानसून के चार महीने में जून से सितम्बर के बीच दीर्घावधि औसत की 93 प्रतिशत बारिश होगी। इस प्रकार इस साल औसत से सात प्रतिशत कम बारिश का अनुमान है। पिछले साल मानसून के दौरान औसत से नौ प्रतिशत कम बारिश हुई थी।
स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने कहा - प्रशांत महासागर औसत से काफी ज्यादा गर्म हो गया है। मार्च से मई के दौरान अलनीनो की संभावना 80 प्रतिशत है। जून से अगस्त के दौरान इसकी संभावना 60 प्रतिशत रह जाती है। इस प्रकार इस साल धीरे-धीरे अलनीनो का प्रभाव कम होता जायेगा, हालाँकि यह पूरी तरह समाप्त नहीं होगा। इसलिए, इस वर्ष मानसून सामान्य से कमजोर रहने की आशंका है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में दीर्घावधि औसत का 77 प्रतिशत, जुलाई में औसत का 91 प्रतिशत, अगस्त में औसत का 102 प्रतिशत और सितम्बर में औसत का 99 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। कंपनी ने फरवरी में जारी अपनी रिपोर्ट में इस साल मानसून सामान्य रहने की बात कही थी, लेकिन अब इसका कहना है कि इस दौरान काफी बदलाव आया है जिसके कारण उसे अपना पूर्वानुमान बदलना पड़ा है।