नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के 'कश्मीर के अलग प्रधानमंत्री' वाले बयान पर विवाद शुरू हो गया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि आजादी के वक्त भारत में मिलने के बाद भी कश्मीर में अपने सदर-ए-रियासत और प्रधानमंत्री होते थे और केंद्र में UPA सरकार बनी तो वे उस व्यवस्था को वापस लाएंगे। उनके इस बयान पर पीएम मोदी ने कांग्रेस से सवाल किया कि उनके सबसे बड़े सहयोगी दल की ऐसी बात कहने की हिम्मत कैसे हुई?
सोमवार को बांदीपोरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'बाकी रियासत बिना शर्त के देश में मिले लेकिन हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी। अपना संविधान होगा। हमने उस वक्त अपने सदर-ए-रियासत और वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) भी रखा था। इंशाअल्लाह उस व्यवस्था को हम वापस ले आएंगे। 'अबदुल्ला के इस बयान पर पीएम मोदी ने तेलंगाना की एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'वो कहते हैं कि घड़ी की सुई पीछे ले जाएंगे और 1953 के पहले की स्थिति पैदा करेंगे और हिंदुस्तान में दो पीएम होंगे। कश्मीर का पीएम अलग होगा। जवाब कांग्रेस को देना पड़ेगा कि क्या कारण है कि उनका साथी दल इस प्रकार की बात करने की हिम्मत कर रहा है?
पीएम की इस प्रतिक्रिया के बाद उमर अब्दुल्ला ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये। उन्होंने लिखा, 'पीएम मोदी मेरे भाषणों को ध्यान से सुनते हैं यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैं बीजेपी के सोशल मीडिया सेल का शुक्रगुजार हूं कि वे लोग मेरे भाषण के हाईलाइट वॉट्सऐप पर पत्रकारों को भेज रहे हैं। आपकी पहुंच मुझसे बहुत ज्यादा है।