चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहली बार तीन विभिन्न कक्षाओं में उपग्रहों को स्थापित करने वाले पीएसएलवी- सी 45 मिशन की सुबह छह बजकर 27 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र, श्रीहरिकोटा में उल्टी गिनती शुरू हो गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी-45 अपने 47वें अभियान में कल सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर दूसरे लांच पैड से उडान भरेगा और प्राथमिक उपग्रह एमिसैट तथा 28 अन्य विदेशी नैनो उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
प्रक्षेपण अधिकृत बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद ही सुबह इस मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई और इस दौरान विभिन्न चरणों के लिए चार स्टेज वाले प्रक्षेपण वाहन में प्रणोदकों को भरने का काम किया जाएगा। एमिसैट का वजन 436 किलोग्राम है और इसका मकसद विद्युत चुंबकीय स्पैक्ट्रम को मापना है। यह रक्षा शोध एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) का‘‘ इलैक्ट्रानिक इंटेलीजेंस ’’ उपग्रह है और 28 नैनो उपग्रह लिथुआनिया, स्पेन , स्विटजरलैंड तथा अमेरिका के हैं जिनका प्रक्षेपण वाणिज्यिक कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। इसके अलावा पीएसएलवी अपने साथ तीन प्रायोगिक पे लोड भी ले जाएगा और यह पूरा मिशन 180 मिनट की अवधि में पूरा होगा।
पहले यह प्रक्षेपण 21 मार्च को किया जाना था लेकिन सफल प्रक्षेपण के लिए आंतरिक प्रणाली को पूूरी तरह तैयार करने के लिए इसे आगे बढ़ा दिया गया था। यह इसरो का तीन कक्षाओं वाला पहला अभियान है और चौथे चरण के इंजन में सौर पैनल का पहली बार इस्तेमाल किया जाएगा।