नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न मामलों की जल्द सुनवाई के लिए मेंशनिंग के जरिये वकीलों द्वारा की जाने वाली मांग पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई। उन्होंने एक बार फिर मेंशनिंग सुनने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक जीवन-मृत्यु का सवाल न हो, तब तक किसी केस की जल्द सुनवाई की मांग न करें। याचिकाओं की पर तय समय पर ही सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच के समक्ष विभिन्न मामलों की जल्द सुनवाई की मांग को लेकर मेंशनिंग के लिए काफी वकील पहुंचे थे।
साढ़े 10 बजते ही वकील अपने-अपने मामलों की मेंशनिंग करने लगे। कुछ वकीलों का आवेदन अस्वीकार करने के बावजूद लगातार हो रही मेंशनिंग पर चीफ जस्टिस गुस्सा हो गए। सीजेआई बोले- कितनी बार कहा है कि जीवन-मृत्यु के सवाल पर ही जल्द सुनवाई की मांग करें, रोज 500 केस लगते हैं, इतने जज कहां हैं? वकील फिर भी जल्द सुनवाई (मेंशनिंग) की मांग करते रहे तो बेंच ने दिनभर काम नहीं करने की धमकी दी।
चीफ जस्टिस ने पहले भी जताई थी नाराजगी
उन्होंने कहा, ‘हमने कितनी बार कहा है कि जब तक जीवन-मृत्यु का सवाल न हो, जल्द सुनवाई की मांग न करें। रोज 500 केस लगते हैं। इतने जज हैं कहां?’ इस पर दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनके मामले में जल्द सुनवाई की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जल्द सुनवाई की जरूरत का मतलब यह है कि आपको आधी रात या सुबह-सवेरे सुनवाई की जरूरत हो।
हम आपकी याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। इसके लिए जल्द ही नई बेंच गठित की जाएगी। एक अन्य वकील ने भी अपना मामला बेहद जरूरी बताते हुए मेंशनिंग की तो चीफ जस्टिस ने उसे रोक दिया। उन्होंने कहा कि अगर सभी वकील मेंशनिंग करना जारी रखेंगे तो बेंच पूरे दिन के लिए उठ जाएगी। इस प्रक्रिया में रोज 15-20 मिनट खराब होते हैं। इस तरह काम नहीं होगा। हम मेंशनिंग प्रक्रिया बंद करते हैं। इसके बाद बेंच ने पहले से लिस्टेड मामलों की सुनवाई शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि जनवरी में भी चीफ जस्टिस ने मेंशनिंग पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि उनके सामने सिर्फ जरूरी मामलों की ही मेंशनिंग की जाए।