नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के दावे को गलत बताते हुए कहा है कि सच्चाई यह है कि नोटबंदी तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्दबाजी में लागू करने के फैसले से अकेले 2018 में एक करोड़ लोगों का रोजगार छिना है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जयराम रमेश ने शुक्रवार को यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि मोदी सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। रोजगार को लेकर सरकार की एक नहीं तीन-तीन रिपोर्टों को दबाकर रखा गया है।
मोदी के कार्यकाल में देश में रोजगार के अवसरों का सबसे ज्यादा क्षरण हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी से पहले देश में 11 प्रधानमंत्री हुए लेकिन किसी भी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में इस स्तर पर रोजगार के अवसर नहीं घटे और न ही इतनी बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए। मोदी के पांच साल के शासन के दौरान देश में बड़े स्तर पर पहली बार लोगों का रोजगार छिना और नौकरियों का विनाश हुआ है। इस कारण से मोदी को लोग नौकरी विनाशक प्रधानमंत्री के रूप में जानेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि मोदी जगह-जगह घूमकर दावा करते हैं कि उनकी मुद्रा योजना तथा अन्य योजनाओं के कारण रोजगार के व्यापक अवसर पैदा हुए हैं जबकि सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 2018 में एक करोड़ लोगों का रोजगार खत्म हुआ है। रोजगार छिनने की इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की वजह मोदी का नोटबंदी का फैसला और जल्दबाजी में जीएसटी को लागू करने का निर्णय रहा है।