नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की ताकत में आज इजाफा होने जा रहा है। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाए गए चिनूक हेलीकॉप्टर आज भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। भारत में चार चिनूक हेलीकॉप्टर आए है जिनका नाम सीएच-47 आई है। भारत ने ऐसे 15 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए डील किया है। चंडीगढ़ में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोओ चार भारी क्षमता वाले चिनूक हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना को सौंपेंगे।
चिनूक एक मल्टीमिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है। पहली बार चिनूक ने 1962 में उड़ान भरी थी। ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र में यह हेलिकॉप्टर काफी कारगर हो सकता है। यह हेलिकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है। यह दुनिया के 19 देशों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
वियतनाम से लेकर इराक के युद्धों तक शामिल चिनूक दो रोटर वाला हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर है। इसकी खास बात यह है कि यह 9.6 टन वजन उठा सकता है, जिससे भारी मशीनरी, तोप और बख्तरबंद गाड़ियां लाने-ले जाने में सक्षम है। चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना की खास ताकत है। इसी चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था।