नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख-विरोधी दंगे से जुड़े एक मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई 25 मार्च तक स्थगित कर दी है। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की खंडपीठ ने गुरुवार को सज्जन कुमार की याचिका पर सुनवाई 25 मार्च तक स्थगित कर दी।
तीन बार सांसद रहे 73 वर्षीय सज्जन कुमार ने सजा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 25 फरवरी को सज्जन कुमार जमानत याचिका पर सुनवाई से अपने को अलग कर लिया था। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद राजनगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या और जलाये जाने के मामले में गत वर्ष 17 दिसंबर को सज्जन कुमार को आजीवन करावास की सजा सुनाई गई थी। सजा सुनाये जाने के दो सप्ताह बाद 31 दिसंबर को सज्जन कुमार ने कड़कड़डूमा अदालत में समर्पण किया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शीर्ष न्यायालय से सज्जन कुमार की जमानत याचिका को खारिज करने का आग्रह किया था। सीबीआई की दलील थी कि यदि सज्जन कुमार को जमानत दी जाती है तो लंबित मामले में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। जांच एजेंसी ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर अपने जबाव में कहा था कि सज्जन कुमार की ‘‘गहरी राजनीतिक पकड़’’ है और अपने खिलाफ लंबित मामलों में साक्ष्यों को ‘‘प्रभावित अथवा धमकाने’’ में सक्षम है। शीर्ष अदालात ने जनवरी में सीबीआई को नोटिस जारी करके सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर जवाब मांगा था।