नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने महिला शक्तिकरण तथा आधी आबादी को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धमेंद्र प्रधान की मौजूदगी में शुक्रवार को यहां इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
इस समझौते को लागू करने की जिम्मेदार राष्ट्रीय महिला कोष और राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद को सौंपी गई है। इस अवसर पर श्रीमती गांधी ने कहा कि सरकार की इस पहल से उन महिलाओं को मदद मिलेगी जो पहली बार रोजगार की तलाश में निकल रही हैं। इससे उनकों जिंदगी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह अपनी तरह का पहला समझौता है।
प्रधान ने कहा कि उनका मंत्रालय महिलाओं का कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इससे देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। तीन वर्ष के लिए किये गये इस समझौते के तहत महिलाओं का चयन राष्ट्रीय महिला कोष करेगा और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद की होगी। महिलाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जोड़ा जाएगा।