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पुलवामा जैसे एक और हमले की फिराक में था जैश-ए-मोहम्मद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 26 2019 4:56PM | Updated Date: Feb 26 2019 4:57PM
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नई दिल्ली। विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा जैसे एक अन्य आत्मघाती हमले की साजिश में था और इसलिए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट में बमबारी कर उसके शिविर को नेस्तनाबूत कर दिया।
 
गोखले ने कहा - 14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती आतंकी हमले में हमारे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 बहादुर जवान शहीद हुए थे। पिछले दो दशकों से जैश-ए-मोहम्मद मसूद अजहर के नेतृत्व में पाकिस्तान में सक्रिय है, और बहावलपुर में इसका मुख्यालय है।
 
यह संगठन, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, दिसंबर 2001 में भारतीय संसद और जनवरी 2016 में पठानकोट वायु सेना अड्डा सहित कई जघन्य आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों के स्थान के बारे में समय-समय पर पाकिस्तान को जानकारी दी गई है। लेकिन, पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा। सैकड़ों जिहादियों को प्रशिक्षण देने में सक्षम ऐसी अपार प्रशिक्षण सुविधाओं का अस्तित्व पाकिस्तान के अधिकारियों के जानकारी के बिना संभव नहीं हो सकता।
 
भारत पाकिस्तान से बार-बार जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता रहा है ताकि जिहादियों को पाकिस्तान के अंदर प्रशिक्षित करने और हथियार देने से रोका जा सके, लेकिन पाकिस्तान ने अपनी धरती से आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को समाप्त करने के लिए कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की है।
 
हमें विश्वस्त गोपनिय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में एक और आत्मघाती आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था और फिदायीन जिहादियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। इस संभावित खतरे को रोकने के लिए यह प्रहार अनिवार्य हो गया था।
 
इसलिए, आज सुबह-सुबह, भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर प्रहार किया। इस ऑपरेशन में बहुत बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, वरिष्ठ कमांडर, प्रशिक्षक और आतंकी हमलों के प्रशिक्षण के लिए आये हुए जिहादियों के समूहों को समाप्त कर दिया गया। बालाकोट की इस आंतकी प्रशिक्षण संस्था का नेतृत्व जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहे थे।
 
भारत सरकार आतंकवाद के खतरे से लड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है। इसलिए, मिली हुई जानकारी के अनुसार, संभावित आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए इस असैन्य कार्रवाई को विशेष रूप से जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर ही केन्द्रित किया गया था। जन हानि न हो इसका ध्यान रखते हुए, हमने अपने हमले के ठिकानों का चयन किया था। यह प्रशिक्षण केंद्र आबादी वाले इलाके से दूर एक घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित है। क्योंकि यह हमला कुछ घंटे पहले ही हुआ है, इसलिए हम और विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
 
जनवरी 2004 में पाकिस्तान सरकार ने अपने नियंत्रण के तहत आने वाले किसी भी क्षेत्र को भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए प्रयोग न होने देने की प्रतिबद्धता प्रकट की थी। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपनी सार्वजनिक प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा और जैश-ए-मोहम्मद सहित सभी आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त करेगा और इसके लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा।
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