नई दिल्ली। सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मंगलवार को अटल जय अनुसंधान बायोटेक मिशन समेत पांच मिशन शुरू किए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के 33वें स्थापना दिवस पर यहाँ राष्ट्रीय प्रतिरक्षा संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में ये मिशन लॉन्च किये। साथ ही वर्ष 2017 और 2018 के लिए सराहनीय काम करने वाले जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिकों को पुरस्कार भी प्रदान किये।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय वाजपेयी ने विज्ञान की महत्ता समझते हुये ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ जय विज्ञान जोड़ा था। इसलिए, उनके नाम पर ये पांच मिशन लॉन्च किए गए हैं। इनमें अटल जय अनुसंधान जैव प्रौद्योगिकी मिशन, एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस मिशन, टीका विकास कार्यक्रम, स्वच्छ उर्जा मिशन और शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए अटल गर्भ मिशन शामिल हैं।
डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी की मदद से देश के लोगों के उन दु:खों का निदान खोजा जा सकता है जिनका अब तक समाधान नहीं हो सका है। सरकार सिर्फ वैज्ञानिकों तथा अनुसंधानों को ही प्रोत्साहन नहीं दे रही है। वह अनुसंधान के लिए बुनियादी ढाँचे भी तैयार कर रही है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के लिए पिछले तीन-चार साल में अत्याधुनिक सुविधाओं एवं उपकरणों वाले चार अत्याधुनिक परिसर तैयार किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1986 में गठित जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने 33 साल में पशु आनुवांशिकी, पादप आनुवांशिकी और कृषि के क्षेत्र में काफी काम किया है। विभाग ने अस्पतालों तथा दूसरे अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर सस्ते चिकित्सा उपकरण भी विकसित किए हैं। हजारों की संख्या में नवाचारियों को मदद मुहैया कराई गयी है और उनके लिए पारिस्थितिकी तैयार की गयी है।