नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में शनिवार तड़के कुछ परेशानी आ गई। अधिकारियों ने बताया कि यह 'पहियों के फिसलने' का मामला है जिसे इंजीनियर ठीक कर रहे हैं।यह घटना उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर हुई।
ट्रेन 17 फरवरी को पहले व्यावसायिक फेरे के लिए तैयार होने के वास्ते वाराणसी से लौट रही थी। उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, 'यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आई। इंजीनियर इसे ठीक कर रहे हैं।'अधिकारियों ने बताया कि अवरोध हटाने के बाद ट्रेन ने सुबह करीब सवा आठ बजे फिर से दिल्ली की यात्रा शुरू की।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ट्रेन 18 को वंदे भारत एक्सप्रेस का नाम दिया है। चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इसका निर्माण किया है। गौरतलब है किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी।
सेमी हाई स्पीड ट्रेन 18 का नाम हाल में वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया था। यह ट्रेन अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। शताब्दी ट्रेनों से भी बेहतर सुविधा इसमें होगी। इसका मकसद यात्रियों को बिल्कुल नया अनुभव देना है।इसमें 16 वातानुकूलित कोच होंगे जिसमें दो एक्जीक्यूटिव श्रेणी के होंगे। कुल 1128 यात्री इसमें सवार हो पाएंगे।
वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत चेन्नई में इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया गया है। भारत की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ से 17 फरवरी से यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ‘ट्रेन 18’ का नाम ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ करने की घोषणा की थी। दिल्ली-वाराणसी मार्ग के एक खंड पर प्रायोगिक तौर पर चलाए जाने के दौरान देश की सबसे तेज गति वाली ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चली। हालांकि, मार्ग पर रफ्तार को लेकर पाबंदी के कारण नयी ट्रेन अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।