नई दिल्ली। पाकिस्तानी आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (जेएएम) द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले किए जाने की दुनियाभर में कड़ी निंदा की गई है। इस आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 45 जवान शहीद हो गए। दुनियाभर में इस हमले की निंदा की जा रही है। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को बुलाकर सख्त राजनियक विरोध दर्ज कराया।
पाकिस्तान ने भी इस्लामाबाद में तैनात भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर को तलब किया है। पाक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया को तलब किया। पाकिस्तान ने कहा कि पुलवामा हमले में भारत पाकिस्तान पर आधारहीन आरोप लगा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय में एशिया-पैसिफिक मामलों के विदेश सचिव ने भारतीय अधिकारी को कहा कि उनके देश द्वारा लगाए गये आरोप गलत है।
भारत ने सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति(सीएसएस) की बैठक के बाद पाकिस्तान को दिए मोस्ट फेवर्ड नेशन(एमएफएन) दर्जे को वापस लेने की घोषणा की और पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय रूप से अलग-थलग करने के लिए काम करने पर प्रतिबद्धता जताई। दुनियाभर में इस हमले की निंदा की जा रही है। इस हमले के शक में सुरक्षा बलों ने सात युवाओं को हिरासत में लिया है। पुलवामा व अवंतीपोरा में वीरवार की रात छापेमारी कर इन्हें आत्मघाती हमला में शक के आधार पर हिरासत में लिया है। फिलहाल इनसे सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ में जुटी हुई हैं।