नई दिल्ली। राफेल सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार एक्टिव हो गए हैं। विवादित राफेल लड़ाकू विमान सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है। इस मामले में आज फिर राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे लेकिन अब ये रद्द हो गई है। इसका कोई कारण नहीं बताया गया है। हालांकि मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला मीडिया से बात करेंगे।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल मामले में रक्षा मंत्रालय को बताए बगैर सीधे फ्रांस सरकार से सौदा किया, जिससे इस सौदे में रक्षा मंत्रालय द्वारा की जा रही बातचीत कमजोर पड़ गई। राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज सुबह आपने पढ़ा होगा कि रक्षा मंत्रालय के अफसर कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने राफेल मामले में सीधे रक्षा मंत्रालय को बताए बिना फ्रांस की सरकार से सौदा किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संसद में चौकीदार (मोदी) पौने दो घंटे बोले। लेकिन राफेल पर एक शब्द नहीं बोला।’’
राहुल ने कहा, ‘‘रक्षा सचिव ने फाइल में लिखा कि नरेंद्र मोदी ने समानांतर बातचीत की और हिन्दुस्तान की वायुसेना...रक्षा मंत्रालय की बातचीत की स्थिति (नेगोशिएशन पोजिशन) कमजोर की। उसके बारे में चौकीदार एक शब्द नहीं बोलता है, लेकिन सच्चाई को नहीं छुपाया जा सकता।’’
गांधी ने अंग्रेजी के प्रतिष्ठित अखबार ‘द हिंदू’ की एक खबर की पृष्ठभूमि में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओलांद ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बोला था कि अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का अनुबंध दिया जाए। अब रक्षा मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री ने समानांतर बात की और हमारी स्थिति कमजोर की। इस पर प्रधानमंत्री जवाब दें।’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल सौदे पर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए गुरुवार को कहा था कि कांग्रेस ने अपने शासन में सेना को निहत्था बनाकर रखा और वह नहीं चाहती कि देश की वायुसेना मजबूत हो। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस किसके फायदे के लिये राफेल सौदा रद्द कराना चाहती है?