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भारतमाला से जुड़ेंगे 3,000 किमी रोड और 4,000 किमी ग्रीनफील्ड हाईवे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 21 2019 10:09AM | Updated Date: Jan 21 2019 10:09AM
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नई दिल्ली। भारत सरकार  ने भारतमाला प्रोजेक्ट को ओके कर दिया है। इसके तहत 3 हजार किमी एक्सप्रेस-वे, 4 हजार किमी ग्रीनफील्ड हाइवे बनाने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार ने देश में सड़कों का नया जाल बिछाने के क्रम में साल 2024 तक 3 हजार किमी लंबे नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण का लक्ष्य रखा है। सरकार ने इन एक्सप्रेस-वे के साथ देश के तमाम हिस्सों में करीब 4 हजार किमी लंबी ग्रीनफील्ड रोड के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा है। 
 
खबर यह भी है कि इस प्रॉजेक्ट की शुरुआत से पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अब जरूरी तैयारियों में जुट गया है। नई योजना के तहत वाराणसी-रांची-कोलकाता, इंदौर-मुंबई, बेंगलुरु-पुणे और चेन्नै-त्रिचि के बीच एक्सप्रेस-वे बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। सरकार ने इन एक्सप्रेस-वे पर 120 किमी की रफ्तार से वाहन दौड़ाने की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार जल्द ही डीपीआर निर्माण का काम भी शुरू कराने जा रही है। 
 
अधिकारियों का कहना है कि भारतमाला प्रॉजेक्ट के पहले चरण के लिए डीपीआर बनाने में ही 2 साल का वक्त लग गया था, ऐसे में फेज-2 के लिए अभी से प्रॉजेक्ट रिपोर्ट बन जाने पर समय और क्वालिटी दोनों का ध्यान रखा जा सकेगा। एनएचएआई के अफसरों का यह भी कहना है कि अगर डीपीआर में कोई कमी होती है तो इसका सीधा असर हाइवे प्रॉजेक्ट्स के निर्माण कार्य पर पड़ता है और कई बार देरी के चलते योजना की लागत भी बढ़ जाती है। ऐसे में अब से इस प्रकार की स्थिति ना हो, इसके लिए पहले ही डिटेल्ड प्रॉजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। 
 
साथ ही सरकार ने कुछ प्रमुख शहरों के बीच करीब 4 हजार किमी के नए ग्रीनफील्ड हाइवे बनाने की तैयारी भी शुरू की है। इस योजना के तहत पटना से राउरकेला, झांसी से रायपुर, सोलापुर से बेलगाम, गोरखपुर से बरेली और वाराणसी से गोरखपुर के बीच नए राजमार्ग बनाए जाने हैं। इन शहरों के बीच मौजूदा रोड कॉरिडोर को विस्तार देने की बजाए अब ग्रीनफील्ड हाइवे का निमाज़्ण होगा, जिससे कि जमीन अधिग्रहण में होने वाली देरी, जमीन हासिल करने के लिए दी जाने वाली अधिक कीमत और अतिक्रमण हटाने जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा। सूत्रों के मुताबिक, इन सड़कों के निर्माण के लिए 2024 तक की समयसीमा निधाज़्रित की गई है। 
 
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