नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वायुसेना की 126 लड़ाकू विमानों की जरूरत को नकार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और इस मामले में जेपीसी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी तो सरकार सरकार सिर्फ 36 राफेल विमान क्यों खरीद रही है? उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को प्रति विमान 186 करोड़ रुपये अधिक देने होंगे। उन्होंने यह मांग दोहराई कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से राफेल मामले की जांच होनी चाहिए।
चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि राफेल मामले में संबंधित बातचीत के दल ने 4 -3 से फैसला किया। क्या किसी रक्षा सौदे में कभी ऐसा हुआ? ऐसा क्यों हुआ कि इस सौदे से जुड़े हर फैसले सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए 4-3 से किये गए? उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच जेपीसी से होनी चाहिए। हम जेपीसी जांच की मांग दोहराते हैं। चिदंबरम ने कहा कि ऑफसेट साझेदार के चयन पर सवालिया निशान है। एचएएल को दरकिनार किये जाने को लेकर सवाल है।