नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश का हर क्षेत्र हुनर एवं कला की विरासत से भरपूर है तथा यहां देश के शिल्पकार विश्वस्तरीय उत्पाद बना रहे है जिसकी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बांडिंग की आवश्यकता है। जेटली ने रविवार को यहां ‘हुनर हाट’ के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुनर हाट देश के ‘हुनर के उस्तादों’ की पहचान और विरासत को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
इस अभियान में ‘हुनर हाट’ बहुत प्रभावी भूमिका निभा रहा है तथा इस तरह के कार्यक्रमों से दस्तकारी/शिल्पकारी से जुड़े लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने ‘हुनर हाट’ में देश के कोने-कोने से आये दस्तकारों-शिल्पकारों के स्वदेशी हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पादों का अवलोकन किया एवं ‘हुनर के उस्तादों’ की हौसला अफजाई की। इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’, भारतीय दस्तकारों-शिल्पकारों की ‘‘स्वदेशी ताकत’’ की प्रामाणिक पहचान है।
यह देश के दस्तकारों-शिल्पकारों के ‘सम्मान के साथ सशक्तिकरण’ का विश्वसनीय ब्रांड बन गया है। नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ दस्तकारों/शिल्पकारों का एम्पावरमेंट-एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज’’ साबित हुआ है। दस्तकारों, शिल्पकारों को मौका-मार्किट मुहैया करने के मिशन के तहत देश के विभिन्न भागों में आयोजित ‘हुनर हाट’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया स्टैंड अप इंडिया स्टार्ट अप इंडिया’ के संकल्प को साकार करने का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय ब्रांड बन गया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने धर्म-जाति, क्षेत्र के स्पीड ब्रेकर’ को खत्म कर विकास का हाईवे तैयार किया है और अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा इसे देश भर में आयोजित किया जा रहा ‘हुनर हाट’ इसी ‘‘हाईवे’’ का हिस्सा है जहाँ देश भर के दस्तकारों-शिल्पकारों के ‘‘विकास एवं सशक्तिकरण की गाड़ी’’ सरपट दौड़ रही है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट एक ही जगह पर देश भर के दस्तकारों, शिल्पकारों के नायाब हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान के प्रदर्शन एवं बिक्री और विभिन्न राज्यों के लजीज़ पकवानों के स्वाद का एक विश्वसनीय एवं लोकप्रिय ब्रांड बन गया है।
पिछले दो साल में हुनर हाट लगभग एक लाख 62 हजार कारीगरों, दस्तकारों, शिल्पकारों एवं उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सफल रहे हैं। आने वाले दिनों में हुनर हाट का आयोजन देश के अन्य विभिन्न राज्यों में किया जायेगा। इस अवसर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार एवं अल्पसंख्यक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। स्टेट इम्पोरियम कॉम्पलेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस में 12 जनवरी से शुरू हुआ ‘हुनर हाट’ 20 जनवरी तक रहेगा। ‘हुनर हाट’ में देश के कोने-कोने से दस्तकार, शिल्पकार, खानसामे भाग ले रहे हैं जिनमे बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं।
इसमें स्वदेशी हस्तशिल्प और हैंडलूम कार्य के बहुत उत्तम उत्पाद जैसे असम के बेंत और बांस, जूट उत्पाद, झारखंड एवं बिहार की सिल्क की अलग अलग किस्में, उत्तर प्रदेश से वाराणसी सिल्क, लखनवी चिकनकारी, सेरेमिक, टेराकोटा, कांच के बर्तन, पीतल के बर्तन, लेदर, संगमरमर के उत्पाद, कश्मीरी नमादा, उत्तर पूर्व राज्य के परंपरागत हैंडलूम जिसमें गुजरात से अजरख, बंधेज, मड वर्क, तांबे की घंटियाँ, ओडिशा से सिल्वर फिलीग्री उत्पाद एवं छत्तीसगढ़ की बेंत की शिल्पकारी, मेरठ की कैंचियां आदि उपलब्ध हैं।
इसके अलावा हुनर हाट के बावर्ची खाने में पारंपरिक पकवान तैयार कर रहे है जिसका यहां आकर स्वाद लिया जा सकता है। कव्वाली, सूफी संगीत, पारम्परिक नृत्य कार्यक्रम सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का रोजाना आयोजन इस ‘‘हुनर हाट’ का विशेष आकर्षण हैं।