नई दिल्ली। भाजपा महासचिव राम माधव ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर पर अध्यादेश का विकल्प हमेशा खुला है। उन्होंने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अदालत ने इसकी सुनवाई के लिए 4 जनवरी तय की है। हमें आशा है कि अदालत इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह सुनवाई करेगा और जल्द फैसला सुनाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम दूसरा रास्ता अपनाएंगे। इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी सुप्रीम कोर्ट से राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह करने की मांग की।
लोग पूछते हैं...
प्रसाद ने कहा, इस मामले में इतने सबूत हैं कि अच्छी बात हो सकती है। लेकिन लोग मेरे पास आते हैं और पूछते हैं कि समलैंगिकता पर 6 महीने में, सबरीमाला पर 5-6 महीने में, अर्बन नक्सल पर 2 महीने में फैसला हो जाता है। हमारे रामलला का विवाद 70 सालों से कोर्ट में अटका है। 10 साल से सुप्रीम कोर्ट के पास है।