नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण, 2019 पूरी तरह से कागज रहित और डिजिटल होगा और सभी शहरी निकायों में शुरू किया जाएगा। इसमें देश के सभी शहरी निकायों की रैंकिंग तय की जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण, 2018 में 4,203 शहरों को शामिल किया गया था।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब तक 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा 4,124 शहरों-कस्बों को ‘खुले में शौच मुक्त’ घोषित किया गया है। कुल 62 लाख निजी शौचालय और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हो चुका है या हो रहा है। अंडमान एवं निकाबार द्वीप समूह, दादर तथा नगर हवेली, दमन एवं दियू, चंडीगढ़, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पुद्दूचेरी, पंजाब और कर्नाटक के शहरी क्षेत्रों को ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित किया गया है।
अब तक 85 हजार 758 करोड़ रुपए का निवेश
स्वच्छ भारत अभियान 2 अक्टूबर 2014 को पांच वर्ष के भीतर समस्त शहरों को ‘खुले में शौच से मुक्त’ और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। विभिन्न योजनाओं के तहत भारतीय शहरों में जीवन सरल बनाने के लिए छह लाख 85 हजार 758 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 65 लाख से अधिक मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।