नई दिल्ली। बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई की विशेष अदालत शुक्रवार को अपना फैसला सुना सकती है। साल 2005 के इस एनकाउंटर केस में 22 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जिनमें अधिकांश पुलिसकर्मी हैं। सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले में 13 साल बाद आज फैसला सुना सकती है।
इस केस की सुनवाई के दौरा अभियोजन पक्ष के 92 गवाह अपने बयानों से मुकर गए। विशेष न्यायधीश एसजे शर्मा ने आखिरी दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में गुजरात और राजस्थान के कई पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इस केस में अभियोजन पक्ष का आरोप था कि सोहराबुद्दीन का संबंध आतंकी संगठन से था और वह गुजरात के किसी बड़े राजनेता की हत्या की साजिश रचने का काम कर रहा था।
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जबकि 2014 में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था। बरी होने वालों में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह (तत्कालीन गृह मंत्री, गुजरात), पुलिस अफसर डी. जी. बंजारा भी शामिल हैं। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस केस को मुंबई शिफ्ट कर दिया गया था।