सितारेः ऋषि कपूर, तापसी पन्नू, आशुतोष राणा, मनोज पाहवा, प्रतीक बब्बर, रजत कपूर
निर्माताः दीपक मुकुट/अनुभव सिन्हा
निर्देशकः अनुभव सिन्हा
कहानी
ये कहानी है बनारस की। फिल्म की शुरुआत बनारस के घाटों की झलक के साथ होती है और उसके तुरंत बाद मस्जिद में नमाज पढ़ते दिखाई देते हैं एडवोकेट मुराद अली मोहम्मद यानी ऋषि कपूर। मुल्क इनके ही परिवार की कहानी है। हिंदुओं के मोहल्ले में घर है। पढ़े लिखे हैं, प्यार प्रीत से रहते हैं और मुस्लिम होने के बावजूद राम राम कहते हैं।घर में पत्नी तबस्सुम (नीना गुप्ता), छोटा भाई बिलाल मोहम्मद (मनोज पहवा), बिलाल की पत्नी छोटी तबस्सुम (प्राची शाह), उनका बेटा शाहिद मोहम्मद (प्रतीक बब्बर) और उनकी बेटी आयत हैं।
एडवोकेट आरती मोहम्मद यानी तापसी पन्नू ऋषि कपूर के बेटे आफताब की वाइफ हैं, जो उनके 65वें जन्मदिन पर शामिल होने विदेश से आती हैं।जन्मदिन के जश्न के अगले दिन शाहिद (प्रतीक बब्बर) इलाहाबाद जाता है और वहां बस स्टैंड पर धमाका हो जाता है। 16 लोग मारे जाते हैं और इल्जाम शाहिद के सिर आता है। भदोही में छिपे शाहिद को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराती है और उसके पिता बिलाल पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगा अरेस्ट कर लेती है। धीरे धीरे उनके परिवार से नफरत बढ़ने लगती है।
जो लोग साथ में खाते पीते हैं, वो साथ छोड़ देते हैं।इसके बाद चार्ज बढ़ते हैं। पूरे परिवार को इस साजिश में आरोपी बना दिया जाता है। मुराद अली मोहम्मद खुद अपनी बहस न करने का फैसला करते हैं और अपनी बहू यानी तापसी पन्नू को को बहस करने के लिए तैयार करते हैं। कोर्ट में तेज तर्रार वकील संतोष आनंद (आशुतोष राणा) का सामना आसान तो नहीं होता है, लेकिन तमाम तारीखों के बाद इन बेकसूरों के सिर से आतंकवादी होने का कलंक मिटाती हैं तापसी।