ठाणे। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून की विशेष अदालत ने वर्ष 2012 में कार चालक बिट्टू सुल्तान शाह की हत्या के मामले में संदेह का लाभ देते हुए नौ आरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया। न्यायाधीश एस बी बहालकर ने अपने आदेश में कहा है कि सरकारी अधिवक्ता आरोपियों पर लगे आरोप को सिद्ध करने में पूरी तरह नकाम रहे जिसके कारण सभी नौ आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया है। इस मामले में तीन और आरोपी जुड़े थे जिसमें से दो आरोपी जहूर अहमद अब्बास पठान और ईश्वर अभी भी फरार चल रहे हैं। एक अन्य आरोपी हनीफ शेख की मौत हो गयी है। सरकारी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कार चालक की हत्या में सभी नौ आरोपी शामिल थे।
आरोपियों ने पीड़ति की 30 किलो मादक पदार्थ चुराने के संदेह में कल्याण में 12 फरवरी 2012 को हत्या की थी और इगतपुरी के जंगलों में उसके शव को जला दिया था। पुलिस ने चश्मदीद गवाह के आधार पर शिकायत दर्ज की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं और मकोका के तहत मामला दर्ज किया था। सरकारी अधिवक्ता ने यह भी बताया कि पीड़ति की हड्डियां का डीएनए टेस्ट कराया गया। जिससे पता चला की शव बिट्टू का ही था। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किलों को फंसाया गया और चश्मीद गवाहों का बयान और आरोपियों के इकबालिया बयान को दर्ज करने में देरी की गयी। अदालत ने बचाव पक्ष के वकील की दलील पर सहमति जताते हुए आरोपियों को बरी कर दिया। बारी किये गये आरोपियों में बबन वानी , इरशाद शेख , अमजद लम्बू पठान , इमरान , इम्तियाज लम्बुत पठान , बुशान मोरे , छोटू शेख , रहमबाई यूसुफ पठान , और जाहिद शेख शामिल हैं।