मुंबई। महाराष्ट के एक जिले में महुआ शराब का बड़ा अवैध कारोबार फैला है। नागपुर जिले में महुआ शराब के कारोबार के कारण ही काले गुड़ की तस्करी जोरों पर होती है। गौरतलब है कि बात का खुलासा आबकारी विभाग के अलग- अलग दस्ते की छापामार कार्रवाई में हुआ है। यहां महुआ शराब बनाने के लिए बड़ी मात्रा में मध्यप्रदेश से काले गुड़ की कालाबाजारी की जाती है। यह बात आरोपियों के पकड़े जाने पर सामने आई है। विभाग के अनुसार नागपुर जिले में हर साल करोड़ों रुपए की महुआ शराब बनाई जाती है। यहां से इनकी सप्लाई पड़ोसी राज्यों तक में होती है। आबकारी विभाग के विविध दस्तों ने भिवसनखोरी व सावनेर के चिटपुरा में महुआ शराब के कई अवैध शराब भट्ठियों पर छापामार कार्रवाई की। इस दौरान 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों से दस्ते ने करीब 1.87 लाख रुपए का माल जब्त किया है।
लोगों के लिए घातक
ज्ञात हो कि अनुसार महुआ शराब को जिस तरीके से बनाया जाता है, वह नागरिकों के लिए बेहद घातक है। नागपुर जिले में महुआ शराब का कारोबार काफी दूर तक फैला हुआ है। महुआ शराब माफिया इसे बेधड़क चला रहे हैं। नागरिकों का सवाल है कि नागपुर जिले में शराब माफियाओं पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जाता है? इनकी धर-पकड़ करने के लिए आबकारी विभाग को विशेष दस्ते बनाना होगा, तभी इनकी धर-पकड़ की जा सकती है। नागपुर जिले में महुआ शराब का अवैध कारोबार काफी पुराना है। यह काफी गहराई तक जड़े जमा चुका है। इस अवैध धंधे के कारण सरकारी राजस्व को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। आबकारी विभाग ने कुछ दिन पहले यह घोषणा की थी कि इन अवैध शराब माफियाओं की धर-पकड की जाएगी।
कई ठिकानों पर छापेमारी
सूत्रों के अनुसार विभाग के दस्ते ने भिवसनखोरी में बनाई जा रही अवैध महुआ शराब भट्ठियों के कई ठिकानों पर छापा मारा। इसी तरह सावनेर तहसील के चिटपुरा में अवैध महुआ शराब बिक्री के विविध ठिकानों पर छापा मारा गया। इस दौरान आबकारी विभाग ने 12 अपराध दर्ज किए। दस्ते ने आरोपी अमोल विलास वानखेडे सावनेर, गणेश दुर्योधन येमडे चिटपुरा, संगीता मुन्ना अंगलवार, सुमित्रा राजेश बोरकर और कविता प्रकाश टेम्बुरने भिवसनखोरी निवासी को धर-दबोचा। आबकारी विभाग के अधीक्षक प्रमोद सोनोने के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान 118 लीटर महुआ शराब, 7400 लीटर रसायन, 8 लीटर देशी शराब, 21 लीटर विदेशी शराब जब्त किया गया।
सराहनीय कार्रवाई
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नागपुर जिले में अवैध शराब पर पाबंदी लगाने के लिए आबकारी विभाग ने स्टाफ की कमी के बारे में जिलाधीश कार्यालय को अवगत कराया था। इस दौरान आबकारी विभाग ने जिलाधीश कार्यालय से अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के अतिरिक्त स्टाफ देने की गुजारिश की थी। सूत्रों के अनुसार उस समय जिलाधीश कार्यालय ने 76 होमगार्ड्स, 27 अधिकारी-कर्मचारी सहित 103 लोगों का स्टाफ आबकारी विभाग को दिया था। इस दौरान 8 वाहन भी दिए गए थे। आबकारी विभाग ने इस दौरान कई सराहनीय कार्रवाई भी की।
होमगार्ड्स का सहयोग
इस कार्रवाई में होमगार्ड्स का सहयोग मिला। गुरुवार को लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ। शुक्रवार को आबकारी विभाग ने जिलाधीश कार्यालय से दिए गए 76 होमगार्ड्स को वापस भेज दिया। साथ ही जिलाधीश कार्यालय से मिले 8 वाहनों को भी वापस कर दिया है। आबकारी विभाग के पास अभी भी जिलाधीश कार्यालय से िदए गए 27 अधिकारी- कर्मचारी विभाग के पास कार्यरत हैं।
कई अड्डे नष्ट
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आबकारी विभाग ने इस बार 103 अधिकारी-कर्मचारियों का स्टाफ मिलने से उल्लेखनीय कार्रवाई की। इस दौरान जंगल में महुआ शराब बनाए जाने के कई ठिकानों को नष्ट किया गया। विभाग के पास से अतिरिक्त स्टाफ वापस जाते ही इस विभाग की छापामार कार्रवाई की स्थित जस की तस होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।