मुंबई। वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज सोमवार को विदेशी देनदारों को ऋण की किस्त नहीं चुका पायी है। कंपनी ने सोमवार को बताया कि विदेशी वाणिज्यिक ऋण की जो किस्त उसे 11 मार्च को चुकानी थी वह नहीं चुका पायी है। उसने इसका कारण उसके पास नकद की अस्थायी कमी बताया है। यह ऋण उसने परिचालन पूँजी के लिए लिया था। एयरलाइंस ने बताया कि उसने ऋण अदायगी में देरी के बारे में ऋणदाताओं से बात की है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वह भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम को भी ऋण की किस्त नहीं चुका पायी थी और बैंकों ने दिवालिया कानून के तहत समाधान प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कंपनी को पिछली चार तिमाहियों में 4200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।