भिंड। राजस्थान के कोटा बैराज से लगातार चंबल नदी में पानी छोड़े जाने के बाद मध्यप्रदेश के भिंड जिले में भी चंबल के रौद्र रूप में आने के चलते नदी किनारे बसे 19 गांव खाली करा लिए गए हैं। नावली वृंदावन गांव के अंदर पानी आने की सूचना मिलने के बाद कल दोपहर से रात तक यहां सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला। जवानों ने लोगों को नावों के सहारे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इस दौरान कई लोग अपने पशुधन के लिए घर ना छोड़ने की जिद पर अड़े देखे गए। सेना के जवान जब महिलाओं और बच्चों को लेकर नाव से गांव के बाहर निकाल रहे थे, तभी नाव में एक बच्ची खुशी के लिए रो पड़ी। जवानों ने समझा कि खुशी नाम की कोई बच्ची रह गई। तभी बच्ची ने बताया कि खुशी उसकी बकरी की बच्ची है। सेना के जवानों ने अटेर में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का चेकअप किया।
कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोडे जाने का सिलसिला थमा नहीं है। पिछले तीन दिनों में 18.40 लाख क्यूसेक पानी छोडे जाने के बाद जहां अटेर क्षेत्र में आठ गांव में बाढ़ आ गई थी, वहीं कल कोटा बैराज से चंबल में एक बार फिर सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया, जिससे हालात और ज्यादा भयावह हो गए हैं। चंबल में उफान आने के बाद कलेक्टर छोटे सिंह ने सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश निरस्त कर दिए हैं। अटेर क्षेत्र के सभी शासकीय एवं अशासकीय शिक्षण संस्थानों की छुट्टी कर दी गई है। ये छुट्टी हालात सामान्य होने तक रहेंगी। अटेर में देर रात एयर लिफ्टिंग के लिए हेलीपेड बनाना शुरू किया। कलेक्टर ने एनडीआरएफ और सेना की अतिरिक्त कंपनियां भी मांगीं हैं। जिला प्रशासन द्वारा कई स्थानों पर बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं।