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नर्मदा जल से पुनर्जीवित हुई हिरन नदी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 17 2019 8:03PM | Updated Date: Jun 17 2019 8:03PM
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जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित बरगी बाँध की दाँयी तट नहर से छोड़े गये नर्मदा जल से पुनर्जीवित हुई  हिरन नदी भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे सिहोरा नगर और तटवर्ती ग्रामों की सवा लाख से अधिक आबादी और मवेशियों के लिये जीवनदायिनी साबित हो रही है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार जबलपुर जिले के कुण्डम ग्राम से निकली नर्मदा की सहायक नदी हिरन में कुछ बरस पहले तक बारहों महीने पानी प्रवाहित होता था किन्तु तेज गर्मी और अँधाधुँध रेत खनन से बने भीषण हालात के चलते मई-जून माह में ही हिरन नदी सूख गई और तटीय ग्रामों में जल-स्तर काफी नीचे चला गया। हैण्ड-पम्प और अन्य जल-स्रोतों के सूख जाने से जल-संकट जैसी स्थिति निर्मित हो गई। करीब 50 हजार की आबादी वाले सिहोरा नगर के 30 हजार से अधिक लोगों के घरों में सदानीरा हिरन नदी का ही पानी पहुँचता था। नदी सूखने के कारण इंसान हों या पशु सभी पानी के मोहताज हो गये। सिहोरा के मुख्य नगर पालिका के अनुसार नगर पालिका के दो तिहाई वार्डों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई और हिरन नदी के पानी पर निर्भर खितौला फिल्ट्रेशन प्लांट से भी जलापूर्ति बंद हो गई।

इन विकट स्थितियों के मद्देनजर सूख चुकी हिरन नदी में इंटेकवेल बनाकर विद्युत पम्प से पानी की आपूर्ति के इंतजाम किये गये लेकिन पर्याप्त पानी नहीं होने के चलते यह व्यवस्था भी कुछ दिनों में ही असफल हो गई। इस भयावह स्थिति से उबरने के लिये जद्दोजहद कर रही सिहोरा नगर पालिका ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों से बरगी बाँध की दाँयीं मुख्य तट नहर से हिरन नदी में पानी छोड़ने का आग्रह किया। कार्यपालन यंत्री एम.के. ढिमोले ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पिछले 20-25 दिनों से दाँयीं तट नहर के किलोमीटर 84 ग्राम खिरहनीकला से 5 हजार लीटर प्रति सेकेण्ड प्रतिदिन के मान से नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इस कारगर कदम के चलते सूखी हुई हिरन नदी को नर्मदा नीर से जैसे नया जीवन मिल गया। वर्तमान में हिरन नदी के 50 किलोमीटर से भी अधिक बहाव क्षेत्र तक पानी पहुँच रहा है और क्षेत्र के 35 से अधिक गाँव के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। हजारों ग्रामीणों को पेयजल संकट से निजात मिल सकी है।

 
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