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विद्युत प्रदाय में लापरवाही पर अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 21 2019 12:17AM | Updated Date: Apr 21 2019 12:17AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने आज वीडियो क्रांफेसिंग के माध्यम से प्रदेश में विद्युत-पेयजल और गेहूँ, चना, मसूर और सरसों उपार्जन की समीक्षा की। कान्फ्रेन्स में प्रदेश के सभी संभागायुक्त और कलेक्टर मौजूद थे। मोहंती ने कलेक्टरों से निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिये अपने-अपने जिलों में गहन निगरानी रखने के निर्देश दिये। वीसी में बताया गया कि विद्युत व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले 387 अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती के मामलों में कमी आई है। पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष विद्युत आपूर्ति में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
 
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि विद्युत आपूर्ति की वजह से पेयजल आपूर्ति प्रभावित नहीं हो। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि वे इस संबंध में पटवारी, ग्राम सचिव, कोटवार आदि से लगातार फीडबैक लें। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि विद्युत व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने और विद्युत आपूर्ति में बाधा डालने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवायें। साथ ही कलेक्टर और कमिश्नर से मौसम आँधी-पानी आदि के दौरान विद्युत कम्पनी के अधिकारियों के साथ सतत संवाद रखने की अपेक्षा की। मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में आज तक 2 लाख 44 हजार 510 किसानों से 18 लाख 81 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया जा चुका है। प्रतिदिन लगभग 2 लाख 9 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हो रहा है। उपार्जित गेहूँ में से 13 लाख 73 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन कर भंडारण कराया जा चुका है।
 
प्रदेश में इस वर्ष 3,541 केन्द्र गेहूँ उपार्जन स्थापित किये गये हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 600 अधिक हैं। बैठक में बताया गया कि उपार्जित गेहूँ का भुगतान परिवहन के लिये तैयार मात्रा के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गई है। तैयार परिहवन की मात्रा की कुल राशि 2148 करोड़ में से 2098 करोड़ का भुगतान करने के आदेश बैंक द्वारा भेजे जा चुके हैं। किसानों को उपज विक्रय आसान बनाने के लिये एसएमएस समिति स्तर पर सुविधा दी गई है। मुख्य सचिव ने ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत 28 जिलों के किसानों के 3 लाख 10 हजार 482 खसरों का सत्यापन दो दिन में करने को कहा। उन्होंने रायसेन, कटनी, जबलपुर, सागर, टीकमगढ़ और पन्ना जिले में गेहूँ का परिवहन शीघ्र करने के भी निर्देश दिये। प्रबंध संचालक मार्कफेड को कटनी और जबलपुर जिले में परिवहन व्­यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
 
बैठक में बताया गया कि चना, मसूर, सरसों की खरीदी 233 उपार्जन केन्द्रों पर शुरू हो गई है। इनकी अभी तक कुल खरीदी 11 हजार 900 मीट्रिक टन हो चुकी है। मुख्य सचिव ने शेष केन्द्रों पर भी खरीदी शीघ्र शुरू के निर्देश दिये। वीडियो कॉफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव जनसम्पर्क एवं जल संसाधन एम.गोपाल रेडडी, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा  आई.सी.पी. केशरी, प्रमुख सचिव परिवहन एवं लोक निर्माण मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री तथा लोक सेवा प्रबंधन अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्रीमती नीलम शमी राव तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
 
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