भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के बीच जिला प्रशासन नकल रहित परीक्षा संपन्न कराने के हर संभव प्रयास में जुटा हुआ है। जिला कलेक्टर छोटे सिंह ने आज बताया कि भिण्ड जिले में हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी परीक्षाओं में किसी भी हालत में नकल नहीं होने दी जाएगी। इस दिशा में वे सभी प्रयास किए जा रहे हैं, जो आवश्यक हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक रूडोल्फ अल्वारेस ने बताया कि जिले में नकल रहित परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षा केंद्रों पर जहां जितनी जरूरत होगी, वहां उतना पुलिस बल तैनात किया जाएगा। जहां जरुरत पडेगी उस परीक्षा केन्द्र पर हथियारबंद पुलिस जवान तैनात किए जाऐंगे।
परीक्षा केन्द्र के अंदर बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि पिछले तीन सालों में जिस प्रकार नकल पर सख्ती दिखी, वैसी तैयारी फिलहाल प्रशासन की दिख नहीं रही है। लेकिन फिर भी नकल पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के दावे के बीच 64 परीक्षा केंद्रों में से 22 को अति संवेदनशील और 38 को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में शेष बचे मात्र चार परीक्षा केंद्र सामान्य श्रेणी में रहेंगे। प्रशासनिक स्तर से परीक्षाओं के लिए बनाई जा रही पूरी रणनीति का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन गोपनीय तौर पर चल रही तैयारियों से यह स्पष्ट है कि परीक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चुनाव की तर्ज पर कराई जाएंगी।
जिले में चुनाव और परीक्षा कराना हमेशा से चुनौती पूर्ण रहा है। निवर्तमान कलेक्टर इलैया राजा टी जब भिण्ड में पदस्थ हुए तब उन्होंने न केवल चुनौती स्वीकारी बल्कि नकल विरोधी मुहिम चलाई। इसके परिणाम स्वरूप तीन साल नकल रहित परीक्षाएं हुई। बदनाम जिले की छवि सुधरी। कलेक्टर छोटे सिंह ने भी तीन साल से चली आ रही परंपरा को बनाए रखने के लिए परीक्षाओं के लिए चुनाव जैसी तैयारियों की योजना बनाई है।
परीक्षा के दौरान अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी रेडमाइजेशन से लगाई जाएगी। हालांकि यह व्यवस्था पर्यवेक्षक और केंद्राध्यक्षों को लेकर पूर्व के वर्षों में भी होती रही है, लेकिन इस बार इसमें और भी बदलाव किए जाने की योजना बनाई जा रही है। परीक्षा शुरू होने से कुछ ही देर पहले ही संबंधितों को पता लगेगा कि उनकी तैनाती किस परीक्षा केंद्र पर की जा रही है।