जबलपुर। व्यापमं घोटाले के विशेष न्यायाधीश एसएस परमार ने वन रक्षक घोटाले मामलें में चार आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत अधिकतम चार वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार जिला मुरैना के ग्राम धनेला निवासी दीपक जाटव (21) ने वन रक्षक पद के लिए आॅन लाईन आवेदन किया था। आवेदन में शैक्षणिक योग्यात संबंधित दस्तावेज दीपक के थे,परंतु फोटो व अंगुठा मुरैना जिले के ग्राम डोंगरपुर गिर्द निवासी लक्ष्मीनारायण जाटव (25) के थे। इस कार्य में मुरैना जिला के ग्राम भरोसी निवासी भागीरथ (49) तथा ग्राम बत्तोर निवासी दीवान जाटव (26) ने भी सहयोग किया था।
दो साल तक चली सुनवाई
सीबीआई ने मामले में कुल 44 गवाह पेश किए थे। करीब दो साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत दोषी पाते हुए अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट के आदेश पर मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले की सुनवाई के लिए चार अलग-अलग जोन बनाए गए हैं। ये जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर जोन हैं। मंगलवार को जबलपुर जोन की स्पेशल सीबीआई बैंच ने इस घोटाले में पहला फैसला सुनाया। चारों आरोपियों को धारा 467, 420, 120-बी के तहत दोषी माना गया।
पिता को भी सजा
मुख्य आरोपी दीपक जाटव का साथ देने के कारण कोर्ट ने उसके पिता भागीरथ जाटव को सजा सुनाई है। साल्वर लक्ष्मीनारायण, दीवान और भागीरथ जाटव इस घोटाले में शामिल थे। वनरक्षक परीक्षा दीपक की जगह लक्ष्मीनारायन ने दी थी।