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एमपी के इस गांव ने उरी के बाद पुलवामा में भी शहीद किया अपना सपूत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 15 2019 3:40PM | Updated Date: Feb 15 2019 3:41PM
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जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के खुड़ावल गांव के आंसू तीन साल पहले उरी हमले के बाद सूख भी नहीं पाए थे कि पुलवामा हमले ने गांव को एक बार फिर मातम में डुबो दिया है। पुलवामा आतंकी हमले में गांव के सपूत अश्विनी कुमार काछी (30) के शहीद होने की खबर देर रात गांव पहुंची। इसके पहले उरी हमले में यहां के निवासी जवान रामेश्वर लोधी शहीद हुए थे। सिहोरा एसडीएम आशीष पांडे ने बताया कि जवान का शव कल श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना होगा, जिसके बाद शव लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार कल जवान के गृह ग्राम में होगा। कल अश्विनी कुमार काछी के शहीद होने की खबर फैलते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम छा गया।
 
जवान के वृद्ध पिता सुकरू काछी (70) ने जवान बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद भी अपना हौसला बनाये रखा और परिवार  के अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी दी। सुकरू काछी के पड़ोसी रविकांत यादव के मुताबिक चार भाइयों और एक बहन में अश्विनी सबसे छोटा था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुकरू ने मजदूरी और पत्नी कौशल्या ने बीड़ी बनाकर परिवार का भरण-पोषण  किया। दो साल पहले जब अश्विनी का चयन सीआरपीएफ में हुआ तो उन्होंने सबसे पहले मां से बीड़ी बनाने का काम छुड़ाया।
 
उन्होंने बताया कि गांव के 50 लोग सेना, बीएसएफ, आरपीएफ सहित अन्य बलों में हैं या सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके पहले वर्ष 2016 में उरी आतंकी हमले में इसी गांव के रामेश्वर लोधी शहीद हुए थे। दस वर्ष पूर्व बालाघाट में हुए विस्फोट में भी यहां के निवासी राजेन्द्र उपाध्याय शहीद हुए थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अश्विनी की इस साल शादी तय थी। मध्यप्रदेश शासन ने शहीद जवान के परिजन को एक करोड़ रुपए की राहत राशि,  एक आवास व परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देने की घोषणा की है। इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए जनपद पंचायत द्वारा पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता परिजनों को दी गयी है।
 
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